
एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ ने फिल्मी स्टाइल में मारा था छापा:हर माह डेढ़ करोड़ अवैध वसूली का पर्दाफाश!
शीतल निर्भीक
लखनऊ।उत्तर-स्मार्ट हलचल/प्रदेश के बलिया जिले की नरही थाने के थानेदार पन्नेलाल कन्नौजिया ने रविवार को गोरखपुर के गोला थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। पन्नेलाल के खिलाफ बलिया के भरौली बॉर्डर पर अवैध वसूली के आरोप में छापेमारी के बाद से फरार होने का मामला दर्ज था। पुलिस का दबाव बढ़ने के बाद पन्नेलाल को आखिरकार गोला पुलिस के सामने हाजिर होना पड़ा।
हाल ही में एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया द्वारा भरौली बॉर्डर पर अवैध वसूली का पर्दाफाश किया गया था। इस छापेमारी में पन्नेलाल समेत कुछ अन्य पुलिसकर्मी आरोपी पाए गए थे, जो मौके से फरार हो गए थे। इनकी गिरफ्तारी के लिए वाराणसी सहित अन्य जिलों की पुलिस भी जुटी हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, पन्नेलाल के मोबाइल की अंतिम लोकेशन गोरखपुर के गोला स्थित भरसी गांव में पाई गई थी। इस जानकारी के आधार पर बलिया पुलिस ने गांव में छापेमारी की और पन्नेलाल की पत्नी को हिरासत में ले लिया। पत्नी की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही पन्नेलाल ने गोला थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पन्नेलाल ने गोला थाने में सरेंडर किया, जहां से बलिया पुलिस उसे अपने कब्जे में लेकर चली गई। अभी तक इस सरेंडर की पूरी प्रक्रिया पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस मामले में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
भरौली बॉर्डर पर हुई छापेमारी में एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने अवैध वसूली का खुलासा किया था, जिसके बाद कई पुलिसकर्मी फरार हो गए थे। इस घटना के बाद से ही पन्नेलाल की तलाश जारी थी।
पुलिस ने कई जिलों में छापेमारी की और पन्नेलाल की लोकेशन ट्रेस की। पन्नेलाल की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।
इस घटना से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। लोग अब यह जानने को उत्सुक हैं कि पन्नेलाल के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएंगे और इस मामले में पुलिस विभाग की साख कैसे बचाई जाएगी।
पन्नेलाल के सरेंडर के बाद बलिया पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले लिया है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच में और भी कई खुलासे हो सकते हैं। पुलिस विभाग की छवि को सुधारने और जनता का विश्वास बहाल करने के लिए कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।
इस बीच, पुलिस विभाग ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जो इस पूरे मामले की तह तक जाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। पुलिस विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी।
पन्नेलाल के आत्मसमर्पण के बाद अब देखना यह है कि पुलिस विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और कैसे इस घटना से उभरे सवालों का जवाब देता है। इस मामले की जांच से पुलिस विभाग की साख पर लगे दाग को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।