
नाबालिग बच्चियों से हैवानियत करने वाले हेडमास्टर को आजीवन कारावास: कोर्ट की टिप्पणी- टीचर होकर शिक्षा के पवित्र मंदिर को कलंकित करने का काम किया
रितिक मेहता
डूंगरपुर, स्मार्ट हलचल। आरोपी ने एक टीचर होकर अपने ही स्कूल की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म कर शिक्षा के पवित्र मंदिर को कलंकित करने का काम किया है। इसलिए कोर्ट आरोपी हेड मास्टर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास (टिल डेथ) की सजा सुनाती है। साथ ही 3.14 लाख रुपए जुर्माना भी लगाती है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 6 नाबालिग बच्चियों से हैवानियत करने वाले हेड मास्टर को एक साल बाद डूंगरपुर जिले के स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने शुक्रवार को यह सजा सुनाई। सरकारी वकील योगेश जोशी ने बताया- 31 मई 2023 को सदर थाने में नाबालिग बच्चियों के परिजनों की ओर से मामला दर्ज कराया गया था। रिपोर्ट में बताया था- 8 से 12 साल की छोटी 6 बच्चियां सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। उसी स्कूल के हेड मास्टर रमेशचंद्र कटारा (55) पुत्र उदयराम कटारा निवासी ददोदिया ने उनके साथ हैवानियत की। आरोपी हेड मास्टर बच्चियों को खेलने के बहाने बुलाता था। इसके बाद बच्चियों को स्कूल के कमरों में ले जाकर कपड़े उतारकर उनके साथ हैवानियत की वारदात को अंजाम देता था। आरोपी छुट्टी के दिन भी बच्चियों को स्कूल बुलाता और उन्हें साथ हैवानियत करता। वह कभी कभार बच्चियों को अपने साथ घर ले जाकर भी उनके साथ गलत काम करता था।
3 लाख 14 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
स्कूल की एक बच्ची के गुप्तांग में चोट लगने के साथ पेट में दर्द की शिकायत होने पर पूरी घटना का खुलासा हुआ। मामले में पुलिस ने जांच कर कई सबूत जुटाए। पुलिस की ओर से कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई। मामले में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट के जज ने सुनवाई पूरी करते हुए शुक्रवार को फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी हेड मास्टर रमेशचंद्र कटारा को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, कोर्ट ने दोषी हेड मास्टर रमेशचंद्र कटारा को लैंगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत आजीवन कारावास (जीवन के अंतिम क्षण तक) की सजा सुनाई है। दोषी पर 3 लाख 14 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
बच्चियों को मगरमच्छ के सामने फेंकने का डर दिखाता
बच्चियों ने पुलिस को ये भी बताया था की हेड मास्टर उनके साथ हैवानियत कर फेल करने की धमकी देता। जिस वजह से बच्चियां चुप रहती। वही, उन्हें चॉकलेट और 10-20 रुपए भी देता। इस वजह से बच्चियां चुप रहती। वहीं, बच्चियों के विरोध करने पर वह उन्हें अपनी लग्जरी कार से घुमाने के बहाने डूंगरपुर गैपसागर झील लाता। यहां पानी में मगरमच्छ होने और पानी में फेंकने के लिए डराता। डर की वजह से बच्चियां अपने परिवार के लोगों को बताने से भी कतराती थी।
एक बच्ची के पेट दर्द की शिकायत पर खुली पोल
हैवान हेड मास्टर रमेशचंद्र कटारा के डर से बच्चियां चुप रहती। लेकिन हैवानियत से कई बच्चियों ने स्कूल जाना तक छोड़ दिया। एक-दो दिन बच्ची के स्कूल नहीं आने पर वह उनके घर पहुंच जाता। मई 2023 में एक बच्ची ने स्कूल जाने से मना कर दिया। वहीं, उसके पेट दर्द के शिकायत होने लगी। लेकिन वह अपने परिवार के लोगों से भी छुपाती रही। मां ने उससे कई बार पूछा तो बच्ची ने हिम्मत जुटाकर हेड मास्टर की करतूत का खुलासा किया। बच्ची ने बताया- हेड मास्टर स्कूल की छुट्टी के बाद या सरकारी अवकाश के बावजूद खेलने के बहाने बुलाकर उनके साथ गलत काम करता है। इस वजह से उसका पेट दर्द कर रहा है। उसके साथ ही कई दूसरी बच्चियों से भी इसी तरह की हरकते करता है।
एफएसएल ने रिकवर किए थे मोबाइल से डिलीट किए अश्लील फोटो
आरोपी हेड मास्टर ने बच्चियों को घर ले जाकर उनके साथ हैवानियत के फोटो भी खींचे थे। मामला उजागर होने के साथ ही हेड मास्टर ने सभी फोटो मोबाइल से डिलीट कर दिए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद मोबाइल को बरामद किया था। उसके मोबाइल की FSL जांच करवाई गई, जिसमें बच्चियों के साथ हैवानियत करने वाले फोटो रिकवर किए गए थे।
33 गवाह और 177 दस्तावेज पेश किए
कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 33 गवाह पेश किए गए। इसके अलावा 177 दस्तावेज भी कोर्ट के सामने दिए गए। वहीं, 5 आर्टिकल भी प्रस्तुत किए। कोर्ट ने गवाह और सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया है।