
लघु कल्याणक महोत्सव: भगवान का जन्म, तप एवं ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया
(आज़ाद नेब)
जहाजपुर /स्मार्ट हलचल/शहर में लघु पंचकल्याणक महोत्सव के आज दूसरे दिन भगवान का जन्म, तप एवं ज्ञान कल्याणक महोत्सव मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ससंग के सानिध्य में मनाया गया।
महोत्सव में भगवान के जन्म की घोषणा पर पूरा पंडाल भगवान की जय कारों से गूंजायमान हो गया चारों ओर खुशियां छा गई बाजे बजने लगे मिठाइयां बटने लगी पूरा राज दरबार खुशियां मना रहा था कुबेर इंद्र रत्नो की वर्षा कर रहे थे भगवान की शांति धारा करने, चांदी का छत्र लगाने, प्रथम पालना झुलाने, मुनि श्री को शास्त्र भेंट करने का श्रृद्धालुओं को सौभाग्य मिला भगवान को पांडू शिला पर विराजमान कर 1008 कलशो से जन्माभिषेक किया गया व दिन में तप एवं ज्ञान कल्याण महोत्सव के दौरान भगवान का समवशरण, आहारचर्या, धर्म सभा राजदरबार लगाया गया।
लघु पंचकल्याणक महोत्सव में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी के परम प्रभावक श्रुव संवेगी शिष्य श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज, 108 श्री अप्रमित सागर जी महाराज एवं 108 सहज सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री श्रेयस सागर जी महाराज विराजमान थे एवं अलग-अलग कोठो में श्रावक श्राविकाएं भी विराज मान हैं।
धर्म सभा को धर्म देशना देते हुए मुनि श्री ने बताया कि ज्ञान और चरित्र की शुद्धि से ही मनुष्य जीवन सार्थक है आज मनुष्य नाम और पैसे के पीछे भाग रहा है फिर भी संतुष्ट नहीं है ज्ञान और चरित्र की वृद्धि व शुद्धि के लिए मुनि श्री ने पांच सूत्र बताए हैं जिससे अपना जीवन सफल कर सकते हैं संगति, उपयोग ,अंतरंग की रुचि, निरंतर अभ्यास एवं शरणागत
मुनि श्री ने बताया कि अच्छे लोगों एवं भगवान की शरण में आओ समर्पण करो अच्छे लोगों की संगति करो जैसी संगति करोगे वैसी रंगत आएगी जैसा खावे अन्न वैसा होवे मन जैसा पीवे पानी वैसी बोले वाणी संगत खराब होने से हमारा जीवन बर्बाद हो सकता है हमारा उपयोग शुद्धोपयोग में लगना चाहिए तत्व चिंतन करना चाहिए और मन को अच्छे कार्यों में लगाना चाहिए हमारे अंतरंग की रुचि भी अच्छे कार्यों में होना चाहिए वह अच्छे कार्यों का निरंतर अभ्यास में लाना चाहिए मुनिश्री ने कहा कि जिसको वित्त से राग है वह क्या वितरागी से राग करेगा
कल भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाया जाएगा व भगवान को बेदी में विराजमान किया जाएगा इस कार्यक्रम में पूरे चौखला समाज देवली, बूंदी, कोटा, अमरगढ़, भीलवाड़ा, पेच की बावड़ी, महुआ, धामनिया, पण्डेर, कोटडी, रोपा, बांगूदार और भी कहीं जगह से भक्त लोग पधार कर धर्म देशना व धर्मामृत का पान कर रहे हैं।
समाज के अध्यक्ष सुनील कुमार झांझरी ने बताया कि मुख्य पात्र में कैलाश चन्द पलासिया, विमल बाकलीवाल, नवीन बाकलीवाल, पारस बाकलीवाल, महेंद्र गोधा, टीनू गोधा, राजकुमार गोधा एवं गुलाब झांझरी सपरिवार भाग ले रहे हैं।