भीलवाड़ा (राजेश जीनगर)
सुबह ही सुबह तेज भुख मिटाने के लिए जल्दबाजी में चटकारे लेकर सिर्फ हम पेट की आग को ही शांत नहीं कर रहे हैं, बल्कि टेस्टी नाश्ते के रूप में मिलावटी मसालों
हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर गर्म मसालों से बने मसालेदार कचौड़ी, समोसे, पकौड़े, स्पाइसी फुड खाकर कई तरह की गंभीर और हानिकारक बिमारियों को भी न्योता दे रहे हैं। क्योंकि कई बार एक ही तेल में मैदे को बार बार पकाया जाता है। जिसका सीधा सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और दुष्परिणाम स्वरूप सबसे ज्यादा पाइल्स जैसी घातक बीमारी हमें घेर रही है। एक सर्वे रिपोर्ट की मानें तो शहरवासी एक लाख कचौड़ी प्रतिदिन खा जाते हैं। जिससे आने वाले वर्ष 2050 तक हर दुसरा व्यक्ति पाइल्स जैसी घातक बीमारी का शिकार होगा। क्योंकि यह बीमारी मोटापे से शुरू होकर कब्ज और पेट की चर्बी बढ़ने के साथ शुरू होती है। जिस और व्यक्ति का ध्यान नहीं जाता और धीरे धीरे एक गंभीर बीमारी की शुरुआत हो जाती है। शुद्ध शाकाहारी व्यक्ति भी केमिकल युक्त खान-पान से कई तरह की शारीरिक बीमारियों से घिरता जा रहा है। जिसमें शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, साइलेंट अटेक, मोटापा, स्किन प्रोब्लम, लिवर की समस्या, अल्सर मुख्यतः हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो एक समोसे में लगभग 262 कैलोरी होती है जो शरीर के लिए बहुत ज्यादा कैलोरी है। वहीं एक कचौड़ी को पुर्णत: हजम होने में 72 घंटे का समय लगता है। कचौड़ी के बाद अगर हम थोड़ी देर में खाना खा लेते हैं तो उसका असर सीधा हमारी पाचन क्रिया पर पड़ता है और इससे हमारे स्वास्थ्य पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं। समोसे के तेल में काफी ज्यादा फैट होता है. इसके अलावा मार्केट में मिलने वाला समोसे को ऐसे तेल में तला जाता है, जिसे बार-बार गर्म किया जाता है. इस तरह के तेल का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है और जिसकी वजह से हार्ट अटैक और ब्लॉकेज की परेशानी हो सकती है साथ ही कमर और पेट की चर्बी बढ़ने लगती है. जो लोग हद से ज्यादा समोसे कचौड़ी खाते उनको हाई ब्लड प्रेशर का खतरा पैदा हो जाता है। स्वाद में भले ही समोसे काफी बेहतरीन हो, लेकिन इनमें अधिक मात्रा में सोडियम हो सकता है, जिससे दिल की बीमारियों जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करें।