राजेश कोठारी
करेड़ा। अव्यवस्था का मजा लेना है तो करेड़ा चले आओ,जी हां आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यूं तो हम बात कर रहे हैं कस्बे की जिसको उप खंड का दर्जा तो मिल गया मगर यहां के हालात देखकर ऐसा लगता है कि शायद प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं इसी का परिणाम है की जिधर देखो उधर अव्यवस्था का बोलबाला है।
बस स्टैंड हो या हनुमान दरवाजा या विधालय मार्ग जहां पर अवैध हाथ ठेलों वाला का बोलबाला है तो व्यापारीयो ने भी अपनी दूकानों के बाहर सामान रख कर अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे बाजार के हालात भी कम नहीं मुख्य बाजार में जिसको जहां जगह मिली अपना साधन खडे करके चले जाते हैं जिससे अन्य वाहन तो क्या पैदल निकलना भी आमजन के लिए टेडी खीर के समान है । एक बार अगर कोई यहां के हालात देख ले तो उसकी ज़बान से एक ही बात सुनने को मिलती हैं इस तरह की अव्यवस्था तो हमने कहीं नहीं देखी इतना सब कुछ होने के बाद भी किसी की मजाल है जो इनके खिलाफ कार्यवाही कर दे अगर फिर भी किसी ने हिम्मत जुटाई तो सफेदपोश के चक्कर में मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इस भयंकर समस्या को लेकर सैकड़ों बार प्रशासन को अवगत भी कराया मगर हालात में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ। कुछ समय पूर्व उप खंड अधिकारी बंशीधर योगी ने भी कस्बे का दौरा कर पंचायत प्रशासन को कार्यवाही के निर्देश दिए । मगर आज तक पंचायत प्रशासन ने किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जिससे सवाल उठता है की आखिरी डर क्यों रहा प्रशासन …?
↧
अव्यवस्था का मजा लेना है तो करेडा चले आओ…! सुनाने वाले हैं लेकिन सुनने वाला कोई नहीं
↧