
भीलवाड़ा । शुक्रवार को आर सी व्यास कॉलोनी 1 सेक्टर में श्रद्वापूर्वक गोवत्स द्वादशी बच्छ बारस पर्व मनाया गया । भाद्रवा महीने में कृष्ण पक्ष की बारस यानी द्वादशी तिथि को बछ बारस या गोवत्स द्वादशी के दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। गाय के दूध से बने उत्पादो का उपयोग नही किया जाता है। इस दिन गेहूं और चाकू से कटी हुई वस्तु का इस्तेमाल नही किया जाता है। सुई का उपयोग नही किया जाता है। जानकारी के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद माता यशोदा ने इस दिन गौ माता का दर्शन और पूजन किया था। जिस गौ माता को स्वयं भगवान कृष्ण नंगे पांव जंगल-जंगल चराते फिरे हो और जिन्होंने अपना नाम ही गोपाल रख लिया हो उसकी रक्षा के लिए उन्होने गोकुल में अवतार लिया। ऐसे में गौमाता की रक्षा करना और उनका पूजन करना हर भारतवंशी का धर्म है।
भारतीय धार्मिक पुराणो में गौ माता में समस्त तीर्थ होने की बात कही गई है। बताया गया है कि पूज्यनीय गौमाता हमारी ऐसी मां है जिसकी बराबारी न कोई देवी-देवता कर सकता है और न कोई तीर्थ, क्योंकि गोमाता के दर्शन मात्र से ऐसा पुण्य प्राप्त होता है, जो बडे-बडे यज्ञ, दान आदि कर्मो से भी नही प्राप्त हो सकता है। इस अवसर पर कॉलोनी की मंजू शर्मा, गायत्री शर्मा,जोनु शर्मा,सीमा, सुनीता, सीटू,हेमलता,शशि,अरूणा अनेक महिलाएं उपस्थित रही ।