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गणेश चतुर्थी का हिंदू धर्म में होता है खासा महत्व शादी विवाहो के न्यौते बांटने से पूर्व गणेश जी को दिया जाता है निमंत्रण

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हर शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत होती हैं गणेश पूजन के साथ

 दिनेश लेखी

कठूमर ।स्मार्ट हलचल । हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का खासा महत्व है और हर शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश पूजन के साथ होती है। शादी विवाहो के न्यौते बांटने से पूर्व गणेश जी को निमंत्रण दिया जाता है। और भगवान गणेश के जन्मदिन को ही गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

पुराणों में गणेश उत्सव को लेकर कई कथाएं हैं। मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाने का यह कारण है कि वेद व्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की थी, जिसके लिए उन्होंने 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखी थी। जब वेदव्यास जी ने देखा, तो गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ा हुआ था, जिसके कारण 10वें दिन उन्हें नदी में स्नान करवाया। तभी से गणेश उत्सव की शुरुआत हुई है।

इतने दिनों में करें विसर्जन

गणेश उत्सव को 10 दिनों तक मानने की परंपरा है। अनंत चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। भगवान गणेश की प्रतिमा को एक दिन और डेढ़ दिन से लेकर तीन, पांच, सात और 10 इन सभी दिनों तक विराजित करने का उतना ही फल मिलता है, जितना कि अनंत चतुर्थी के दिन प्रतिमा का विसर्जन करने से मिलता है।

इनका क्या कहना

भगवान गणेश प्रथम पूज्य माने जाते हैं। किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से ही होती है। गजानन की पूजा करने से व्यक्ति के कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की हर घर में स्थापना की जाती है।
कमलेश पंसारी सदस्य गणेश मंदिर आयोजन समिति कठूमर

कठूमर कस्बे के मुख्य बाजार में स्थित गणेश जी मंदिर में सात सितंबर को धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाएगा। और इस मौके पर छप्पन भोग की झांकी, मोदकों का भोग, जागरण , महाआरती, और डंडा पूजन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
डॉ रामस्वरूप दुरेजा सदस्य गणेश मंदिर आयोजन समिति कठूमर

2024 में गणेश चतुर्थी 6 सितम्बर को दोपहर तीन बजकर एक मिनट पर शुरू होगी और 7 सितम्बर को शाम पांच बजकर 37 मिनिट पर समाप्त होगी। उदया तिथि 7 सितम्बर होने के कारण गणेश चतुर्थी इसी दिन मनाई जाएगी। पूजन मुहूर्त दोपहर 11 बजकर तीन मिनट से दोपहर एक बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
पं. मनोज भारद्वाज कठूमर


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