
पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । कोलकाता की महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के विरोध में भीलवाड़ा के आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर, स्टूडेंट ने नो सेफ्टी नो वर्क अभियान के तहत महात्मा गांधी हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन किया। इन डॉक्टरों ने बताया कि बंगाल में हमारे साथी डॉक्टर के साथ शर्मनाक घटना हुई है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है साथ जो उम्मीद हमें समाज से थी वो सपोर्ट भी समाज से नहीं मिल रहा। ये इश्यू केवल एक महिला डॉक्टर का नहीं है, समाज की हर एक बेटी का है। इसी को लेकर महात्मा गांधी हॉस्पिटल के बाहर रेजिडेंट डॉक्टर ने जमकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की।
डॉक्टर वेदई ने बताया कि हमने कार्य बहिष्कार किया है। क्योंकि हम चाहते कि जल्दी से जल्दी न्याय मिले और हम समाज में भी एक मैसेज देना चाहते हैं। हमे समाज का भी सपोर्ट मिले। क्योंकि यह इश्यू केवल एक महिला डॉक्टर का नहीं है। यह समाज में रहने वाली हर एक महिला का है। समाज से भी हमें सपोर्ट मिले। अभी तक हमें समाज की ओर से कोई सपोर्ट नहीं मिला है। जो नॉन मेडिकल लाइन से हैं। उनसे कोई भी सपोर्ट नहीं मिला है। हमें जो उनसे सपोर्ट की अपेक्षा थी। उनसे कोई सपोर्ट नहीं मिला है। समाज को यह समझना चाहिए कि डॉक्टर यह का मैटर नहीं है। यह हिंदुस्तान की हर एक बेटी का, हर एक लड़की का मैटर है। यह हर एक महिला की सुरक्षा का प्रश्न है। नो सेफ्टी, नो वर्क।
डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि आरबीआरएस मेडिकल कॉलेज और महात्मा गांधी हॉस्पिटल के सभी रेजिडेंट और इंटर डॉक्टर इकट्ठा हुए । हमारी दिवंगत साथी के साथ आरवीके मेडिकल कॉलेज में जो घटना हुई है। उसके विरोध के लिए हम एकत्रित हुए और हमने विरोध प्रदर्शन किया । हमारी मुख्य मांग आप के माध्यम से सरकार से यह है कि जल्द से जल्द हत्यारों को फांसी दी जाए। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और हम सबकी सुरक्षा के लिए एक सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाए। इस दौरान बड़ी संख्या में आरबीआरएस मेडिकल कॉलेज महात्मा गांधी हॉस्पिटल के इंटर और रेजिडेंट डॉक्टर प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने कार्य बहिष्कार किया।