
दिनेश लेखी
कठूमर । स्मार्ट हलचल/कस्बे में सिंजारे के दिन पापड़ी घेवर की बिक्री हुई। इसके साथ ही मलाईदार व चाशनी के घेवर भी खूब बिके।उल्लेखनीय है कि कठूमर कस्बे में एक दिन ही पापड़ी घेवर बनते हैं। और देर रात तक हलवाईयों की दुकानों पर भीड़ रहती है। हलवाई अशोक अग्रवाल, दीपक बंसल, प्रभु हलवाई, केदार हलवाई आदि ने बताया कि मैदा के घोल को स्पेशल कड़ाई में अंगुलियो के पोरे में गिराया जाता है। और धीमी-धीमी आंच पर लाल व करारा होने तक पकाया जाता है। फिर घेवर को चाशनी में डूबो कर इसे रस भरा तैयार कर लिया जाता है। बाद में गरमागरम ग्राहक को दिया जाता है। घेवर का वजन दौ सौ से तीन सौ ग्राम तक होता है।
इसके अलावा सिंजारे के मौके पर नवविवाहिताओ के घरों पर मिठाई, घेवर, झूले, कपड़े आदि भेजे गये।