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रवि पुष्य और शिववास योग में हरियाली अमावस्या, जानें स्नान-दान का सबसे उत्तम मुहूर्त

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भीलवाड़ा । हिंदू धर्म में सावन माह की अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है। हर साल सावन शिवरात्रि के अगले दिन हरियाली अमावस्या मनाया जाता है। इसे सावन अमावस्या या श्रावणी अमावस्या भी कहा जाता है। सावन माह में चारों तरफ फैली हरियाली के कारण इसे हरियाली अमावस्या कहते हैं। इस शुभ दिन पर स्नान-दान के कार्य बेहद शुभ माने जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सावन अमावस्या के पावन मौके पर शिव-गौरी की विधिविधान से पूरी करने से बेहद शुभ फलों की प्राप्ति होती है और भक्तों पर शिवजी और माता पार्वती का आशीर्वाद बना रहता है। पंचांग के अनुसार, इस साल बेहद शुभ योगों में हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या की सही तिथि और स्नान-दान के कार्यों का शुभ मुहूर्त…

हरियाली अमावस्या कब शुरू होगी?

दृक पंचांग के अनुसार,03 अगस्त को दोपहर 03:50 पीएम पर अमावस्या तिथि का आरंभ हुआ और 04 अगस्त 2024 को शाम 04 बजकर 42 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 04 अगस्त 2024 को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।

हरियाली अमावस्या पर बनेंगे दुर्लभ संयोग

इस साल हरियाली अमावस्या पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सुबह से ही शिववास योग बनेगा।

ब्रह्म मुहूर्त : 04:20 ए एम से 05:02 ए एम तक

अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:54 पी एम तक

सिद्धि योग : सुबह 10:38 एएम तक

रवि पुष्य योग : 05:44 ए एम से 01:26 पी एम तक

सर्वार्थ सिद्धि योग : 05:44 ए एम से 01:26 पी एम तक

स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

सावन अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान के कार्य बेहद शुभ माने गए हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

हरियाली अमावस्या के दिन अभिजीत मुहूर्त में पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दौरान शिवजी की पूजा-आराधना से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।


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