
(रमेश चंद्र डाड)
आकोला/स्मार्ट हलचल/कस्बे के निकटवर्ती बरुन्दनी में पिछले एक माह से पेयजलापूर्ति के दौरान दूषित पेयजल आने से ग्रामीण परेशान हो रहे है। लगता है बरुन्दनी में जल जनित बीमारियों के फैलने की प्रतीक्षा कर्मचारी कर रहे होंगे कि जब तक ग्रामीण बीमार नही होते तब तक पेयजलापूर्ति की खामियों को नही सुधारेंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि जलापूर्ति के समय नलों से मटमैला पानी आ रहा है। पानी से बदबू आती है। पानी के साथ टूटे कटे पंख और कचरा भी आ रहा है। दूषित पानी आने से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है।
पता चला है कि कई उपभोक्ताओं ने नलों के टूंटिया नही लगा रखी है। टूंटियो के नही होने से और नलों की लाइन नालियों में खुले होने से भी दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। उपभोक्ताओं को कई बार टूंटियां लगाने के लिए कहा गया लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
कई जगह पर पेयजल की मुख्य पाईप लाईन से भी रिसाव हो रहा है। चौक का मन्दिर के आसपास के मोहल्लों में दूषित पेयजल आपूर्ति की विशेष परेशानी हो रही है। इस बारे में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था देखने वाले स्थानीय कर्मचारी को अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
कई मोहल्लों में पेयजल की आपूर्रीन नही हो रही है तो कई मोहल्लों में बहुत कम दबाव से पेयजल की आपूर्ति हो रही है। कुछ मोहल्लों में कभी कभी तो दिन रात पेयजलापूर्ति की जाती है।
मांडलगढ़ में दूषित पेयजलापूर्ति से हुई जल जनित बीमारियों के होने के बावजूद कर्मचारियों ने कोई सबक नहीं लिया।