
राजकीय शिक्षक पुत्र ने नेत्रदान कर किया माता की अंतिम इच्छा का सम्मान-
धनकुंवर बाई सोलंकी की आंखों के दान से दो नेत्रहीनो को मिलेगी नई नेत्रज्योति-
भवानीमंडी में नेत्रदान का बढ़ता कारवां, 110 वाँ नेत्रदान, 220 नेत्रहीनों को नई रोशनी-
रणवीर सिंह चौहान
स्मार्ट हलचल / भवानी मंडी मृत्यु के बाद भी नेत्रदान के माध्यम से दो लोगों को नई नेत्र ज्योति दी जा सकती है और नेत्र ज्योति को अमर बनाया जा सकता है, इसी भावना के चलते भवानीमंडी में नेत्रदान के लिए परिवार स्वयं आगे आने लगे हैं। इसी तरह का नेत्रदान शुक्रवार को भवानीमंडी में पचपहाड निवासी धनकुंवर बाई सोलंकी के परिवारजनों ने स्वयं पहल करके करवाया।
भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि कुछ महीने पहले राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गांव बनी में शारीरिक शिक्षक के पद पर कार्यरत पचपहाड़ निवासी देवेंद्र सिंह सोलंकी ने अपनी विवाह वर्षगांठ के अवसर पर पत्नी बिंदु सोलंकी के साथ शाइन इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से नेत्रदान का संकल्प किया था, शुक्रवार को अपनी माता धनकुंवरबाई के आकस्मिक निधन के पश्चात देवेंद्र ने अपने भाई यशवंत सिंह एवं मुकेश सिंह सोलंकी से माता का नेत्रदान करवाने की इच्छा प्रकट की, शिक्षित परिवार होने के कारण तुरंत परिवार में इसकी सहमति हो गई, इस पर पड़ोसी सुनील राठौर के द्वारा नेत्रदान प्रभारी को सूचना देने पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ एवं टीम ने कोटा से ज्योति-रथ द्वारा सुबह 10 बजे मृतक के घर पचपहाड़ पहुंचकर कोर्निया प्राप्त किया। जिस समय डॉ कुलवंत को सूचना दी गई उस समय उन्हें तेज बुखार आ रहा था परंतु सूचना प्राप्त होते ही तेज बारिश में भी उन्होंने भवानीमंडी पहुंचकर नेत्रदान प्राप्त किया। नेत्रदान के समय घर पर सभी परिवारजनों के सामने नेत्रदान संपन्न हुआ, उपस्थित सभी व्यक्तियों विशेषकर परिवार की महिलाओं ने नेत्रदान की प्रक्रिया को अच्छी तरह से देखा एवं जानकारी को प्राप्त किया कि इसमें केवल आंखों के ऊपर की झिल्ली जिसे कोर्निया कहा जाता है को ही लिया जाता है, एवं इसमें पूरी आंख नहीं निकाली जाती है। नेत्रदान प्रक्रिया में राजस्थान होमगार्ड सदस्य सुनील राठौर का भी विशेष सहयोग रहा।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि धनकुंवर बाई का कॉर्निया अच्छा पाया गया है जिसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है जहां यह दो नेत्रहीनों को नई ज्योति प्रदान कर सकेगा। शाइन इंडिया फाउंडेशन को यह भवानीमंडी क्षेत्र से 110 वाँ नेत्रदान प्राप्त हुआ है, जोकि पूरे झालावाड़ जिले में सबसे अधिक एवं कोटा संभाग में कोटा के बाद सर्वाधिक है, जिसके माध्यम से 220 से अधिक नेत्रहीनों को नई रोशनी दी जा चुकी है। डॉ कुलवंत ने आगे और जानकारी देते हुए बताया कि शाइन इंडिया फाउंडेशन पिछले 13 वर्षों से पूरे हाडोती संभाग में नेत्रदान उत्तसरण और नेत्रदान जागरूकता के कार्यों में लगी हुई है। एवं इसके लिए संस्था को अनेकों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
वही पुत्र यशवंत, मुकेश और देवेंद्र सिंह सोलंकी ने नेत्रदान टीम का आभार प्रकट करते हुए कहा कि माताजी का नेत्रदान करवा कर उनके पूरे परिवार ने आत्मसंतोष को प्राप्त किया है, उनकी माता स्वयं भी भवानीमंडी के नेत्रदान कार्यक्रम से प्रभावित थी एवं नेत्रदान उनकी अंतिम इच्छा में रहा है। उनका परिवार आगे और नेत्रदान प्रेरणा का कार्य करेगा।