
यूपी के हाथरस की भयानक हादसे में 120 से अधिक लोगों की मौतें!
हाथरस हादसे में लाशों का ढेर देख सिपाही को हार्टअटैक से हो गई मौत
शीतल निर्भीक
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। इस हादसे में अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। ये भयानक हादसा सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित फुलेराई कस्बे में हुआ, जहां शांत सत्संग समाप्त होने के बाद अचानक भगदड़ मच गई। इस दौरान, लाशों के ढेर को देखकर एक सिपाही की हार्टअटैक से मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार भगदड़ की मुख्य वजह कथावाचक भोले बाबा का दल था,जो कथा समाप्ति के बाद गुजर रहा था। बाबा के दल को रास्ता देने के लिए भीड़ को एक हिस्से से रोका गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर जा रहे थे, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई।
मृतकों की संख्या और प्रशासन की प्रतिक्रिया
बताया जा रहा है कि हादसे में अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में अधिकतर लोग हाथरस और एटा के रहने वाले हैं। मृतकों के शवों को अलीगढ़ और एटा के अस्पतालों में ले जाया गया है। इस हादसे की भनक लगते ही बचाव और राहत के लिए डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल घटनास्थल पर पहुंच गए । आईजी शलभ माथुर भी सिकंदराराऊ के लिए रवाना हो गए। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हादसे के पीछे मिली भगत का शक?
रात करीब 12:30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद समूह को रोका गया और भोले बाबा को अप्रत्यक्ष मार्ग से बाहर निकाला जाने लगा। इस बीच, अंदर तनाव बढ़ गया और भगदड़ मच गई। गहरे गड्ढे में गिरने से कई लोगों की मौत हो गई। लोग बाहर निकलते समय एक-दूसरे पर पैर पटकते रहे, जिससे कई लोग घायल भी हुए हैं। प्रशासन का मानना है कि हादसे के पीछे आयोजकों की मिलीभगत हो सकती है।
कौन हैं कथावाचक कथित भोले बाबा?
कथित भोले बाबा जिनका असली नाम एसपी सिंह है, कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के निवासी हैं। उन्होंने पुलिस में एसआई के पद पर नौकरी शुरू की थी और बाद में सत्संग की शुरुआत की। वर्तमान में वे मानव धर्म प्रशासन की शिक्षा देने लगे हैं और मीडिया से बचते रहते हैं। उनकी लोकप्रियता के कारण सत्संग में भारी भीड़ जमा होती है।
हादसे के बाद हृदय विदारक दृश्य!
घटना स्थल पर मची भगदड़ और लाशों के ढेर ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। लाशों का ढेर देखकर एक सिपाही की भी हार्टअटैक से मौत हो गई, जिससे स्थिति और भी दर्दनाक हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश की है, लेकिन इस दर्दनाक हादसे ने कई परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण के उपायों की समीक्षा की जा रही है। प्रशासन ने घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जो हादसे की पूरी जानकारी जुटाएगी और जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करेगी।
यह हादसा न केवल उत्तर प्रदेश के प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करता है, बल्कि सत्संग आयोजकों की जिम्मेदारी और सुरक्षा उपायों की भी जांच की मांग करता है। इस दुखद घटना ने पूरे प्रदेश को शोक में डाल दिया है और आने वाले दिनों में प्रशासन की भूमिका पर गहन जांच की जाएगी। प्रदेश में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त नियमों और सुरक्षा मानकों की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की भयानक हादसे और त्रासदी से बचा जा सके?