
गंभीर बीमारी के खिलाफ इलाज में लापरवाही हो सकती जानलेवा : डॉ.आर एन द्विवेदी
– असमय मौत का शिकार होने से बचने के लिए हीट स्ट्रोक (लु) का भी समय पर इलाज जरूरी
– चिंहित कर होनी चाहिए झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई
सुनील बाजपेई
कानपुर। स्मार्ट हलचल/लू लगने के रूप में मौत का तांडव अभी भी बंद नहीं है। लू लगने पर इलाज में लापरवाही किसी की भी असमय मौत का भी कारण बन सकती है। इसीलिए समय रहते इलाज जरूर कर लेना चाहिए।
यह बात यहां जाने-माने चिकित्सक डाक्टर आर एन द्विवेदी ने कही। बातचीत के दौरान उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों से सतर्क रहने की भी बात कही और कहा कि ऐसे झोलाछापों से संबंधित मरीज का जीवन खतरे में भी पड़ सकता है ।
लू लगने योग्य चिकित्सक से ही इलाज कर जाने की सलाह देते हुए अपनी चिकित्सकीय दक्षता और सफल इलाज से अब तक लू का शिकार होने वाले कई लोगों की जान बचा चुके सस्ते और कारगर इलाज के चलते मरीजों से अक्सर घिरे रहने वाले और चिकित्सकीय अनुभव के इरादे से कई देशों की यात्रा भी कर चुके द्विवेदी हेल्थ केयर सेंटर और मां बिंदेश्वरी हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर अंबेडकर नगर गुजैनी के चेयरमैन चर्चित डॉ आर एन द्विवेदी ने दावा किया कि किसी भी मर्ज का शिकार होने वाले लोगों की असमय मौत का कारण योग्य चिकित्सक से इलाज करने में लापरवाही ही होती है।
असमय मौत का शिकार होने से बचने के लिए लू से बचाव को आवश्यक बताते हुए अपनी संतोषजनक चिकित्सकीय सेवाओं के लिए भी चर्चित तथा हर किसी के सुख दुख में सदैव खड़े होने वाले सर्व ब्राह्मण विकास परिषद के दक्षिण जिला मंत्री और भारतीय जनता पार्टी में दक्षिण मंडल के भी संयोजक बेहद सहयोगी स्वभाव के अनुभवी तथा व्यवहार कुशल डॉक्टर आर एन द्विवेदी ने इलाज के अभाव में असमय होने वाली मौतों के लिए झोलाछाप लोगों को भी दोषी ठहराते हुए चिंहित कर ऐसे लोगों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाही किए जाने की मांग योगी सरकार से की है।