
भीलवाड़ा, राजेश जीनगर । लोकसभा चुनाव के दौरान आयोजित, रैलियों और विशाल जनसभाओं में झुठ बोलकर सत्ता में आने के लिए कॉग्रेस के आकाओं द्वारा किए गए झूठे वादे अब कॉग्रेस के लिए गले की फांस बनते नजर आ रहे हैं। भीलवाड़ा के एक वरिष्ठ कॉग्रेस नेता की मानें तो उन्होंने भी स्वीकार किया है की जनता की भावनाओं और भरोसे का इस तरह से खिलवाड़ सरासर ग़लत है। इससे कॉग्रेस की बची खुची साख भी चली जाएगी। नेताओं को वादे करने से पहले सोच विचार करना चाहिए था की क्या इस तरह के वादे चुनाव जीतने के बाद पुरे करना संभव रहेगा। वहीं परिणाम के बाद युपी के कॉग्रेस कार्यालय के ये हालात हो गए है की वहां के कॉग्रेस के नेताओं को जनता को जवाब देना भारी पड़ रहा है। 8,500/- रूपए के लिए लंबी लंबी कतारों को देखकर कार्यकर्ता कार्यालय की दिवार फांदकर भागने को मजबुर हो रहे हैं तो चुनावी पेंपलेट लेकर प्रशासन के पास पहुंच रही जनता के लिए प्रशासन के पास भी कोई जवाब नहीं है। प्रशासन भी इस तरह की कोई योजना नहीं होने की बात कह रहा है। ऐसे में जनता अब अपने आपको छला हुआ महसूस कर रही है और कॉग्रेस के नेताओं को कोस रही है। अब बात करें वस्त्रनगरी भीलवाड़ा की तो यहां के भागीरथ कहे जाने वाले सीपी जोशी के लिए भागदौड़ करने वाले नेताओं और कॉग्रेस की भी सब मेहनत पर “पानी” फिर गया। जबकि कॉग्रेस “पानी” को मुख्य मुद्दा बनाकर जनता के बीच गई थी और घर घर जाकर बताया था की अपने बीच वो ही नेता फिर आए हैं जो “चंबल का पानी” लाए थे। लेकिन जनता को शायद केन्द्र सरकार द्वारा किए गए कार्य व “मोदी की गारंटी” रास आई और उन्होंने भीलवाड़ा के भागीरथ को नकार दिया और “मेवाड़ के मोदी” कहे जाने दामोदर अग्रवाल को स्वीकार किया। अब देखना ये है की अग्रवाल के प्रति जनता का जताया गया विश्वास कितना रंग लाता है और इनके कार्यकाल में वस्त्रनगरी के उद्योगों कितने पंख लग पाते हैं।
क्या, मोदी के मंत्री मंडल में अग्रवाल को मिल पाएगी जगह
वस्त्रनगरी पिछले कई समय से केन्द्र में मंत्री मंडल में जगह पाने की आस लगाए बैठी है। जो अभी तक पुरी नहीं हो पाई और इसी के चलते केन्द्र से भीलवाड़ा को ऐसी कोई सौगात या योजना नहीं मिल पाई जो सांसद के कार्यकाल की ऐतिहासिक सफलता के झंडे गाड़ सके। मोदी के तीसरे कार्यकाल में और एनडीए की सरकार में क्या अब अग्रवाल को मंत्री मंडल में शामिल किया जाएगा या वस्त्रनगरी को मंत्री मंडल में कहीं जगह मिल पाएगी। इसकी चर्चा भी शहरवासियों में शुरू हो गई है।