
भीलवाड़ा । भारतीय किसान संघ के महाराजा हरिश्चन्द्र कृषि उपज मण्डी झालरापाटन में चल रहे प्रांतीय अधिवेशन के दूसरे दिन संगठनात्मक, रचनात्मक और आंदोलनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की गई। जिला प्रचार प्रमुख श्यामलाल सुथार ने बताया कि इस दौरान विभिन्न सत्रों को भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक और भारतीय किसान संघ के पालक अधिकारी निंबाराम ने संबोधित किया। प्रांत महामंत्री अंबालाल शर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। दूसरे दिन की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ की गई। इस दौरान “फिर चलो गांव की ओर चलें.. हमको फिर देश जगाना है.. आओ मिलकर दशा सुधरे खेती और किसान की, यही घड़ी है भारत मां के वैभव के निर्माण की..” समेत विभिन्न गीतों की प्रस्तुतियां दी गई।
मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि कृषि को उन्नत किए बिना देश की प्रगति संभव नहीं है। किसान को खुशहाल करके ही देश को समृद्ध किया जा सकेगा। आज देश में बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसान हैं। ऐसे में, उनकी आवाज बनने के लिए किसान संगठन की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राजनीति की पूंछ पड़कर चलने वाले और विदेशी कंपनियों की चापलूसी करने वाले संगठन अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं भारतीय किसान संघ देशभर में मजबूती से खड़ा है।
उन्होंने कहा कि सरकार और विविध तंत्र झूठा एजेंडा चला रहे हैं कि किसान खेती से भाग रहा है। आज भारत का किसान 328 मिलियन टन खाद्यान्न उपजा रहा है। जबकि वर्ष 2050 तक 330 मिलियन टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। भारत के किसान ने पर्याप्त खाद्यान्न उपजाया है। इतनी अधिक किसानों की संख्या के लिए भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं में पर्याप्त बढ़ोतरी की आवश्यकता है। भारतीय किसान संघ सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चलता है। आसेतु हिमालय से लेकर हिंद महासागर तक किसान जब एक स्वर में बोलेगा तो किसान का भला जरूर होगा।
अधिवेशन में अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह, अखिल भारतीय जनजाति कार्य प्रमुख मणिलाल लबाना, अखिल भारतीय सीमांत कार्य प्रमुख कैलाश गेंदोलिया, प्रदेश अध्यक्ष दलाराम चौधरी, प्रदेश महामंत्री प्रवीण सिंह चौहान, प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल नागर, प्रांत महामंत्री अंबालाल शर्मा, संगठन मंत्री परमानंद, रामनाथ मालव, प्रह्लाद नागर, सुहास मनोहर, बद्री पटेल, शिवराज पुरी, राममूर्ति मीणा समेत 16 जिलों के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
लाभकारी मूल्य के साथ लागत में कमी भी जरूरी
मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि राजस्थान भर में सोयाबीन की फसल तकरीबन नष्ट हो गई है और लागत मूल्य से बहुत कम पर बिक रही है। ऐसे में, सोयाबीन पर लाभकारी मूल्य किसान संघ की मांग है। किसान उत्पादक होने के साथ उपभोक्ता भी है। इसलिए किसान को लागत में कमी करने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। गाय आधारित जैविक कृषि के द्वारा लागत में कमी की जा सकती है। बड़ी कंपनियों ने भी अच्छे बीज के नाम पर किसानों को गुमराह करने का काम किया है। जिससे खेती की लागत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि शुद्ध और किफायती खाद्यान्न उपलब्ध करवाना भारत के किसान की जिम्मेदारी है। परिवार से लेकर देश की जनता को स्वस्थ रखना हमारा परम कर्तव्य है।
गाय की हो रही दुर्दशा, कर रही चक्का जाम
मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि गाय की गोचर भूमि को समाप्त कर दिया गया है। गाय की दुर्दशा हो रही है। सड़कों पर खड़ी गाय देखकर ऐसा लगता है, जैसे वह मुआवजे को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही हो या रोड पर खड़ी होकर चक्का जाम कर रही हो। आज सड़क पर गोबर पड़ा हुआ है, लेकिन खेत में यूरिया के रुप में रसायन डाला जा रहा है। देश में गाय आधारित जैविक कृषि की जरूरत है।
भेदभाव मुक्त समरस समाज का निर्माण करना है: निंबाराम
आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम ने कहा कि हमें समन्वय और सद्भाव से युक्त तथा भेदभाव मुक्त समरस समाज को खड़ा करना है। तब हम वैश्विक संकटों और षडयंत्रों से मुकाबला कर पाएंगे। भारतीय किसान संघ सुदूर गांवों में समाज के बीच काम कर रहा है। ऐसे में, समाज को खड़ा करने की जिम्मेदारी भारतीय किसान संघ पर सबसे अधिक है।उन्होंने पंच परिवर्तन की चर्चा करते हुए सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी, नागरिक कर्तव्य, कुटुंब प्रबोधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर इन पांच परिवर्तनों को आधार बनाकर समाज के बीच जाएंगे। तब घर से शुरू करके समाज तक इन पांच प्रण को ले जाएंगे। जिसमें भीलवाड़ा जिले से जिला कार्यकारिणी तहसील कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद थे ।